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Wednesday, 21 August 2019
Monday, 8 April 2019
पुपरी में प्रतिभा सम्मान समारोह में लैपटॉप,डेस्कटॉप,समेत कई पुरस्कार वितरित
आज यूनिक एकेडमीक इंस्टीट्यूट, झझिहट रोड पुपरी व अन्य शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से प्रतिभा सम्मान परीक्षा 2018 में उत्कृष्ट परिणाम लाने वाले 56 प्रतिभागियों को एक साथ सम्मानित किया गया ।पुपरी शहर के ठाकुर छात्रावास प्रांगण में प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमे सभी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को मुख्य अतिथि महाकवि कालिदास महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ नवीन सिंह एवं विशिष्ट अतिथि प्रो. राम यत्न मिश्र, अधिवक्ता श्री अंजनी कुमार पप्पू, शिक्षांजलि के प्राचार्य श्री केशवदेव ठाकुर, समाजसेवी श्री हृषिकेश कुमार चौधरी, राजनन्दन ठाकुर उच्च विद्यालय बर्री बेहटा के शिक्षक श्री स्वतंत्र शाण्डिल्य, चन्द्रभामा इंस्टीट्यूट के निदेशक श्री प्रियरंजन जी, आदर्श कामर्स कोचिंग सेंटर के रामू सर, कैल्कुलस पाॅइन्ट से श्री निर्भय झा, एवं डिस्कवर मल्टीप्ल टैलेंट के संस्थापक श्री आनंद मोहन भारद्वाज सहित काॅमर्स कैरियर कोचिंग के निदेशक श्री आर०के कर्ण ने पुष्पगुच्छ व पुरस्कार की वस्तु देकर सम्मानित किया। सम्मान समारोह में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले समृद्धि कुमारी को प्रथम पुरस्कार स्वरूप लैपटॉप, सिद्धार्थ कुमार को द्वितीय पुरस्कार स्वरूप डेस्कटॉप कंप्यूटर, रिषभ श्रेयांस को तृतिय पुरस्कार में हीरो साईकिल, समेत हर्षित रानी को चतुर्थ पुरस्कार कलाई घड़ी, आदर्श कुमार को पांचवें पुरस्कार में ट्रॉफी व अन्य 51 प्रतिभागियों को दिवाल घड़ी देकर सम्मानित किया गया। इस आयोजन में अनुपस्थित प्रतिभागियों को एक सप्ताह के अंदर अपना पुरस्कार यूनिक एकेडमीक इंस्टीट्यूट से प्राप्त करने हेतु सूचित किया गया सभी अतिथियों का स्वागत संस्थान के निदेशक राहुल चौधरी व सहयोगी राज कुमार मिश्रा, हेमन्त कुमार, बिजय कुमार दास, शिवानी, खुशी, शिल्पी द्वारा पुष्पगुच्छ व मोमेन्टो देकर किया गया। वक्ताओं ने शिक्षा के क्षेत्र में गांव में छुपी प्रतिभा की खोज कर सम्मानित करने के लिए राहुल चौधरी की सराहना करते हुए इस तरह के आयोजन की महत्ता पर प्रशंनता व्यक्त करते हुए कहा कि उच्च सोंच के साथ शुरू किया गया यह छोटा प्रयास एक दिन शिक्षा के क्षेत्र में पुपरी की पहचान बनेगी, पिछले बर्ष इस आयोजन के मुख्य अतिथि तत्कालीन जिला समाहर्ता राजीव रौशन ने अपनी सहभागिता से यह संकेत दे दिया था कि लक्ष्य बड़ा है पर सफलता का मोहताज नहीं है और आने वाले दिनों में शिक्षा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व पुपरी करेगा। अध्यक्ष प्रो राम यत्न मिश्रा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इतने कम समय में पुपरी के चार, सीतामढ़ी के छह, सुरसण्ड के तीन व खड़का के दो केन्द्र समेत पंद्रह केन्द्रों पर 4430 प्रतियोगी की परिक्षा का सफल आयोजन आयोजकों की दृढ़ इच्छाशक्ति व उत्कृष्ट सोंच को दर्शाता है।
कार्यक्रम में सैकड़ों विद्यार्थी, अभिभावक, सामाजिक कार्यकर्ता व बुद्धिजीवी उपस्थित रहे, साथ ही कार्यक्रम के समापन में बच्चो के उज्ज्वल भविष्य हेतु शुभकामनाए दी गयी ।
Sunday, 7 April 2019
पुपरी आस-पास के 56 छात्र-छात्रा हुए प्रतिभा सम्मान से सम्मानित
ग्रामीण क्षेत्रों के छुपी प्रतिभा को सम्मानित कर प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय यूनिक एकेडमीक इंस्टीट्यूट झझिहट रोड व अन्य शैक्षणिक संस्थानों द्वारा प्रत्येक वर्ष दिसंबर में आयोजित होने वाली प्रतिभा सम्मान परीक्षा 2018 में शामिल लगभग चार हजार छात्र - छात्राओं में से पांच उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को बिशिष्ठ पुरस्कार अन्य 51 बच्चों के बीच बिशेष पुरस्कार व परीक्षा में शामिल सभी बच्चों को अन्य पुरस्कार से सम्मानित कर प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आज स्वामी सहजानंद सरस्वतीनगर के ठाकुर छात्रवास के प्रांगण आयोजित किया गया जिसमे शिक्षांजलि के प्राचार्य श्री केशव ठाकुर जी, समाजसेवी ऋषिकेश कुमार चौधरी, एवं शहर के कई शिक्षण संस्थान से जुड़े लोग समेत, महाकवि कालिदास महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ नवीन कुमार, एवं फिजिक्स के जाने माने प्रोफेसर डॉ रामयतन मिश्र,समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे I कार्यक्रम का संचालन श्री उदय सिंह करुणाकर जी ने किया I कायर्क्रम के संयोजक एवं यूनिक एकेडमीक इंस्टीट्यूट के व्यवस्थाक राहुल चौधरी ने बताया कि 30 दिसम्बर को सम्पन्न हुई परीक्षा में दशम वर्ग के लगभग साढ़े चार हजार छात्र - छात्राओं द्वारा पुपरी और सीतामढ़ी के कुल पन्द्रह परीक्षा केन्द्रों पर शामिल हुए I इस परीक्षा का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में छुपी प्रतिभा की खोज कर प्रतिभावान बच्चों के भविष्य को निखारना है, जिससे मैट्रिक परीक्षा से पहले बच्चे अपने ज्ञान के स्तर का आकलन लगा सके एवं परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हो सके I उन्होंने आगे बताया की ये परीक्षा पछले सात बर्षों से लगातार संचालित हो रही है, पिछले साल प्रतिभा सम्मान पुरस्कार वितरण कार्यक्रम डीएवी पब्लिक स्कूल के सभागार में आयोजित की गई थी जिसमें मुख्य अतिथि सीतामढ़ी के समाहर्ता आदरणीय राजीव रौशन ने बच्चों व आयोजकों को प्रोत्साहित करते हुए इस प्रकार के आयोजनों से समाज और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के क्षेत्र नयी मिशाल प्रस्तुत करने की बात कही थी। आचार संहिता लागू होने के कारण इस बार का आयोजन सादे समारोह में किया गया है, साथ ही आयोजकों द्वारा प्रतिभा सम्मान के लिए आस पास के समाजसेवीयों को भी सम्मानित किय गया , इस सादे समारोह में स्थानीय समाजसेवी, भाग लेने वाले संस्था के प्रमुख व परिक्षा केन्द्रों के व्यवस्थापक व परीक्षा में शामिल विद्यार्थियों के अलावे अनेकों शिक्षाप्रेमी सम्मलित हुए
Saturday, 16 March 2019
ये दुनिया असफल लोगो से ही चलती है....
परीक्षाओं का दौर चल रहा है. बच्चों के साथ-साथ बड़े भी अपने बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित होंगे. इस दौरान बच्चों पर अपने पेरेंट्स की आकांक्षाओं को पूरा करने का दबाव होता है. परिवार के लोग अपने सपने, जो वो पूरा नहीं कर पाते, उन्हें अपने बच्चों से पूरा कराना चाहते हैं. उन्हें तरह-तरह के ताने मारते हैं. बच्चे अपनों के सपनों को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं. इनमें से कुछ सफल होते हैं, कुछ असफल, कुछ अपने तय लक्ष्य को प्राप्त कर पाते हैं, कुछ नहीं. सफल छात्र जीवन में आगे बढ़ जाते हैं और अधिकतर असफल छात्र हार न मानते हुए फिर मेहनत करते हैं और अंत में सफल होते हैं.
असफलता_के_डर के कारण चुनते हैं गलत रास्ता
इनमें कई छात्र ऐसे भी होते हैं, जो खराब रिजल्ट और असफलता के डर के कारण गलत रास्ता चुनने की सोचते हैं या चुन लेते हैं. वो आत्महत्या जैसा कदम तक उठा लेते हैं. इस दौरान वो भूल जाते हैं कि उनके अपने उनके बिना कैसे रहेंगे. उनपर क्या बीतेगी. सपनों की दुनिया में जाकर सपनों को पूरा नहीं किया जा सकता. किसी के रहने न रहने से ज्यादा कुछ नहीं बदलता.
बच्चों को यह सोचना चाहिये कि आज देश और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान रखने वाले लोग किसी जमाने में बच्चे थे. उनमें से कई बचपन में कमजोर और असफल थे, लेकिन आज ताकतवर और सफल हैं. दुनिया उन लोगों से भरी पड़ी है, जो शुरुआत में कई बार असफल और निराश हुये, लेकिन हर न मानने के कारण आज अधिकतर युवा उन जैसा बनना चाहते हैं. #जे के रोलिंग
हैरी पॉटर की लेखिका जेके रोलिंग की गिनती आज विश्व के सबसे सफल लोगों में होती है. उनकी किताब और उसपर बनीं फिल्मों ने इतिहास में अगल ही मुकाम हासिल किया है. इस महान सफलता के पहले वो कई बार असफल हुईं. वो ऑक्सफोर्ड में पढ़ना चाहती थीं, इसके लिए 1982 में उन्होंने प्रवेश परीक्षा भी दी, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं मिल सका. उनकी शादी भी ज्यादा दिन नहीं चली. वो और उनके जल्द ही एक-दूसरे से अलग हो गये. रोलिंग ने सिंगल मदर के तौर पर अपनी बेटी को पाला. कई प्रकाशकों ने हैरी पॉटर सीरीज के पहले उपन्यास को छापने से भी मना कर दिया था. उनके मन में कई बार आत्महत्या का ख्याल भी आया, लेकिन उन्होंने इसे मन पर हावी नहीं होने दिया. तमाम विपरीत परिस्थितियों से मुकाबला करते हुए वो आगें बढ़ीं और आज उस जगह हैं, जहां हर कोई पहुंचना चाहता है. #बिल गेट्स
विश्व में हर एक के हाथों में कम्प्यूटर पहुंचाकर क्रांति लाने वाले बिल गेट्स माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के मालिक और दुनिया के सबसे अमीर इंसानों में एक हैं. वो एक कॉलेज ड्रॉप ऑउट हैं और कई बार असफल भी हुये, लेकिन आज दुनिया के टॉपर उनकी कंपनी में काम करना चाहते हैं. #माइकल डेल
डेल टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष माइकल डेल ने 1983 में टेक्सास विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, लेकिन पहले ही साल कॉलेज छोड़ दिया. डेल के माता-पिता चाहते थे कि वे डॉक्टर बनें, पर उनकी मंशा कुछ और थी. आज डेल कंपनी दुनिया की बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में गिनी जाती है. #लैरी एलिसन
ओरेकल के संस्थापक लैरी एलिसन को उनकी मां ने चाचा-चाची को गोद दे दिया था. उनके दत्तक माता-पिता चाहते चाहते थे कि वे डॉक्टर बने. इसके लिए उन्होंने इलिनोइस और शिकागो विश्वविद्यालय में प्रवेश भी लिया, लेकिन वो डॉक्टरी के कठिन कोर्स को पूरा नहीं कर सके और कॉलेज छोड़ दिया.
इसके अलावा फेसबुक के को-फाउंडर मार्क जुकरबर्ग, एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फोर्ड मोटर के संस्थापक हेनरी फोर्ड, डिज्नी कंपनी के संस्थापक वाल्ट डिज्नी, महान वैज्ञानिक आइजेक न्यूटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, थॉमस एडिसन, अमेरिका के राष्ट्रपति रहे अब्राहम लिंकन, अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे नेल्सन मंडेला सहित दुनिया में ऐसे कई सफल और महान लोग हैं, जिनकी उपेक्षा की गई, स्कूल से निकाल दिया गया, किसी कारण कॉलेज छोड़ना पड़ा, पढ़ाई में कमजोर रहे, लेकिन अंत में हार न मानते हुए सफल हुए हैं. हो सकता है सफल लोगों में से कई अपनी शुरुआत से ही पढ़ने-लिखने में अव्वल हों, लेकिन अपने-अपने क्षेत्रों में सफलता के शिखर पर बैठे इन लोगों में कई ऐसे भी हैं, जो एक सामान्य छात्र थे. इनमें से कई स्कूल और कॉलेजों में फेल भी हुए हैं. जीवन के कई क्षेत्रों में असफल हुए हैं. दुनिया ऐसे लोगों से भरी पड़ी है, जो एक क्षेत्र में असफल हो गये हैं, लेकिन दूसरे क्षेत्रों में उन्होंने बहुत नाम कमाया है. उन्होंने अपनी विफलताओं को अपनी कमजोरी मानकर गलत कदम उठाने की जगह विफलताओं से सीखकर आगे बढ़ने का रास्ता चुना और आज दुनिया उनके बताए रास्ते पर चल रही है.
परीक्षा में मिले नंबर सफलता-असफलता की निशानी नहीं होते. ऐसा कोई तय नियम भी नहीं है कि जो टॉप करेगा या अच्छे नंबर लाएगा, वही आगे चलकर नाम कमाएगा. दुनिया का हर इंसान अपने आप में अलग है. हर एक की अपनी अच्छाईयां और कमियां हैं. हो सकता है एक किसी विषय को कम समय में समझ ले और दूसरे को अधिक समय लगे. इसी तरह दूसरा किसी बात को कम समय में समझ ले और पहले को अधिक समय लगे. यह सब तो अपनी-अपनी समझ पर निर्भर करता है. यह सच है कि हमें अपने सपनों को पाने के लिए मेहनत करनी होगी, आगे बढ़ना होगा, लेकिन हम अपने सपनों को तभी साकार कर सकते हैं, जब हम इस दुनिया में रहेंगे और छोटी-छोटी असफलताओं से निराश होने की जगह उनसे सीखकर आगे बढ़ते चलेंगे.मेरे तरफ से उन सभी माता -पिता और बच्चो के लिए एक महत्वपूर्ण सुझाव यह कि कैरियर के चुनाव का सही वक्त दसवीं कक्षा ही है, क्योंकि यह एक ऐसा समय होता है जब छात्र-छात्राओं में सर्वाधिक अनिर्णय की स्थिति होती है पर साथ ही साथ उन्हें सबसे अधिक सही सुझाव और दिशा-निर्देश की भी आवश्यकता होती है। विषयों के चुनाव का यह सबसे सही वक्त होता है, पर्याप्त सोच-विचार कर अपनी रूचि के विषय का चयन उसमें कैरियर की संभावनाओं के मद्देनजर ही करना चाहिए। ऐसा नहीं कि आर्ट्स पढ़ने की इच्छा हो और साइंस में दाखिला लेने की मजबूरी, कॉमर्स में दिलचस्पी हो तथा इंजीनियरिंग कोर्स को अपनाने का दबाव, मेडिकल मे जाने की इच्छा हो, एम.बी.ए. मे दाखिला लेने की विवशता। इस तरह आधे-अधूरे मन से किये गये कैरियर के चुनाव में वांछित सफलता तो संदिग्ध रहती ही है, इच्छित नतीजे न मिलने से जीवन भर के लिए ही वह कोर्स अभिशाप बन जाता है। होना तो यह चाहिए कि आप जो भी कोर्स करने जा रहे हों, उसके बारे में अथवा उसकी संभावनाओं से आपको पूर्णतया वाकिफ होना चाहिए कि आखिर आप वह कोर्स किस लिये कर रहे हैं। कोर्स का अनायास चयन नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर न तो आप उस कोर्स के प्रति सीरियस हो सकेंगे और न ही अपने प्रति समुचित न्याय कर सकेंगे। आपको उक्त कोर्स में संतुष्टि भी नहीं मिलेगी, न पर्याप्त दिलचस्पी जगेगी और फिर नतीजा निराशा ही निराशा।
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